गांधी जी का जन्म और मृत्यु कब हुई थी (Gandhi Ji Ka Janm Aur Mrityu)

महात्मा गांधी का जन्म और मृत्यु कब हुई थी? भारत के इतिहास में महात्मा गांधी एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने अपनी आखिरी सांस तक देश के हित के लिए संघर्ष किया। वह स्वतंत्रता आंदोलन के ऐसे नेता थे जिन्होंने अहिंसा के मार्ग पर चलकर ब्रिटिश शासकों का जीना मुश्किल कर दिया था। महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता भी कहा जाता है। महात्मा गांधी ने लगातार 21 वर्षों तक अफ्रीका में अन्याय और नस्लवाद के खिलाफ अहिंसक रूप से लड़ाई लड़ी, जिसके लिए अंग्रेजों को न केवल अफ्रीका में बल्कि भारत में भी भारी कीमत चुकानी पड़ी। तो आइए जानते हैं कि महात्मा गांधी जी का जन्म कहां हुआ, महात्मा गांधी जी का जन्म कब हुआ, महात्मा गांधी जी की मृत्यु कब हुई…

महात्मा गांधी जी का जन्म और मृत्यु कब हुई थी?

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था, जहां 30 जनवरी, 1948 को उनकी मृत्यु हो गई।

महात्मा गांधी की मृत्यु एक हत्या थी, जिसे देश की आजादी के कुछ ही महीने बाद 30 जनवरी 1948 को नाथू राम गोडसे ने अंजाम दिया था।

30 जनवरी 1948 को शाम 5:17 बजे नाथूराम गोडसे और उसके साथी गोपालदास ने बिड़ला हाउस में गांधीजी की गोली मारकर हत्या कर दी। गांधीजी को तीन गोलियां मारी गईं और उनके मुंह से निकले अंतिम शब्द थे “हैलो राम।” उनकी मृत्यु के बाद उनकी समाधि नई दिल्ली के राजघाट पर बनाई गई।

महात्मा गाँधी का जन्म कब और कहाँ हुआ हिंदी में (कब और कहाँ हुआ था महात्मा गाँधी का जन्म)

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात राज्य के पोरबंदर में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था, जो ब्रिटिश शासन के दौरान काठियावाड़ की एक छोटी सी रियासत के दीवान के रूप में कार्यरत थे।

महात्मा गांधी ने जब महज 13 साल की उम्र में कस्तूरबा गांधी से शादी की। गांधी के पिता की मृत्यु उनकी शादी के दो साल बाद ही हो गई और उनके पहले बेटे का जन्म उनके पिता की मृत्यु के ठीक एक साल बाद हुआ, लेकिन दुख की बात है कि जन्म के कुछ समय बाद ही उनकी मृत्यु हो गई। हालाँकि, इन कठिन परिस्थितियों में भी गाँधीजी ने हार नहीं मानी और वर्ष 1887 में अहमदाबाद से माध्यमिक विद्यालय की डिग्री प्राप्त की और वर्ष 1888 में विश्वविद्यालय की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कानून की पढ़ाई करने के लिए लंदन जाने का फैसला किया।

1891 में कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद गांधीजी भारत लौट आए, लेकिन काम की तलाश में उन्हें दक्षिण अफ्रीका लौटना पड़ा। वह 23 साल की उम्र में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे और एक हफ्ते बाद डरबन से प्रोटोरिया की यात्रा के दौरान उन्हें धक्का दिया गया, मुक्का मारा गया और ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया। हालाँकि उनके पास प्रथम श्रेणी का टिकट था, फिर भी उनके साथ नस्लीय भेदभाव किया गया।

किसी भी भारतीय या अश्वेत के लिए प्रथम श्रेणी में यात्रा करना वर्जित था। इस घटना ने गांधीजी को गहरा आघात पहुँचाया, जिसका खामियाजा न केवल अफ्रीका में बल्कि भारत में भी अंग्रेजों को भुगतना पड़ा।

महात्मा गांधी एक महान नेता थे: स्वतंत्रता संग्राम में गांधीजी का योगदान

वह महानतम नेताओं में से एक थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, वह अपनी आखिरी सांस तक देश के लिए लड़ते रहे। ब्रिटिश शासन से आजादी के आंदोलन में महात्मा गांधी एक ऐसे नेता थे जिन्होंने अहिंसा का मार्ग कभी नहीं छोड़ा और हमेशा लोगों को हिंसा न अपनाने की सलाह दी। उन्होंने अपने अहिंसक तरीकों से ब्रिटिश शासकों का जीना मुश्किल कर दिया।

महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के नाम से भी जाना जाता है। महात्मा जी की विचारधारा इतनी प्रभावशाली थी कि मार्टिन लूथर किंग और नेल्सन मंडेला भी उनसे प्रभावित थे। महात्मा गांधी ने अफ्रीका में अन्याय और नस्लवाद के खिलाफ भी 21 वर्षों तक लड़ाई लड़ी, जिसकी कीमत अंग्रेजों को न केवल अफ्रीका में बल्कि भारत में भी चुकानी पड़ी।

वर्ष 1915 में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौट आए, हालांकि पढ़ाई के बाद वह भारत आ गए, लेकिन काम की तलाश में दक्षिण अफ्रीका लौट आए। इसके बाद वे 1915 में भारत आये और अपने गुरु गोपाल कृष्ण गोखले के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गये।

गांधीजी ने गोपाल कृष्ण गोखले के साथ देश की स्थिति को समझने के लिए भारत भर में यात्रा करने की योजना बनाई। उन्होंने असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन का भी नेतृत्व किया। उन्होंने कई स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया।

महात्मा गांधी पर निबंध

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

गांधी जी की मृत्यु कब और किसकी हुई?
30 जनवरी 1948 को शाम 5:17 बजे नाथूराम गोडसे और उसके साथी गोपालदास ने बिड़ला हाउस में गांधीजी की गोली मारकर हत्या कर दी।

गांधीजी कितने वर्ष जीवित रहे?
गांधीजी 79 वर्ष तक जीवित रहे।

महात्मा गाँधी को कितनी गोलियाँ लगीं?
महात्मा गांधी को गोलियां लगी थीं.

महात्मा गांधी के कितने बच्चे थे?
महात्मा गांधी के चार बेटे थे: हरिलाल, मणिलाल, रामदास और देवदास।

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